स्वयं का विवरण-

Advertisement for the post of Assistant Professor for Gelug & Kargyud Sampradaya Shastra Notice regarding document verification (10-09-2024) Tender enquiry for engagement of Security Services Tender notice for empanelment of petty contractor Addendum for extension of last date for submitting Application (CNA Notice 07-08-2024) NCISM-NEET-SR UG 2024-2025 RESULT: 07.08.2024 Notice for Revise Date of Interview OHT Notice For Inviting Tender (Tender Notice No. CIHTS/MW/R&m/2023-07A) EOI For Repair & Maintenance Of Various Buildings/staff Quarters/offices/gates Etc (As Per DSR/SOR/CMR Rates) Advertisement to engage 5 Assistant Professors on contract basis for Centre for Teacher Education, CIHTS Quotation invitation for Supply & Installation of Pota Cabins Addendum for extension of last date for submitting Application Entrance Exam Result (Session 2024-25) Declared- Click here to View Download Score Card: 9th to 11th August 2024 (NCISM-NEET-SR UG 2024-2025) Advertisement to engage two Guest Faculty (Kargyud Sampraday Shastra) Notice inviting quotation for shed on roof top Extended the date of Submission of Entrance Exam application form-2024-25 Even Semester Exam Result Session 2023-24 CNA Notification 2024 ཕྱི་ལོ་༢༠༢༤-༢༠༢༥ ལོའི་སློབ་དུས་ཀྱི་འཛུལ་རྒྱུགས་ཀྱི་ཡོངས་ཁྱབ་གསལ་བསྒྲགས། ENTRANCE EXAM ADMISSION NOTIFICATION FOR THE ACADEMIC SESSION 2024-2025 ENTRANCE EXAMINATION APPLICATION FORM FOR PURVA MADHAYAMA, UTTAR MADHAYAMA 2024-2025 ENTRANCE EXAMINATION APPLICATION FORM FOR SHASTRI, B.F.A., B.ED. & B.A. B.ED. 2024-25 ENTRANCE EXAMINATION APPLICATION FORM FOR ACHARYA & M.F.A. 2024-25 Ombudsperson Notice Tender notice for beautification of entrance of the Institute List of shortlisted candidates for typing test to be held on 15.03.2024 Pattern of Question paper for Office Assistant (contractual) Advertisement to engage Guest Faculty, Medical Officer and other staff for Sowa-Rigpa Dept. Advertisement to engage Office Assistants on Contract Expression of Interest to clean chocked sewer line Quotation invitation for Supply & Installation of Pota Cabins Invitation of quotation for Football ground fencing at CIHTS एक अतिथि प्राध्यापक (शिक्षाशास्त्र) को नियुक्त करने हेतु विज्ञापन शोध सहायक (शब्दकोश) को अनुबंध पर नियुक्त करने हेतु विज्ञापन नर्स को संविदा पर नियुक्त करने हेतु विज्ञापन

सूचना पट्ट  

छप्पन वर्षीय गौरवशाली विरासत

सारनाथ, वाराणसी स्थित केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 की धारा 3 के तहत स्थापित एक केन्द्रीय मान्य विश्वविद्यालय है। आवासीय होने के कारण यह संस्थान पूरी तरह से संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसे 1967 में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के एक विशेष अनुभाग के रूप में स्थापित किया गया था, 1968 में परम पावन 14वें दलाई लामा द्वारा इसका उद्घाटन किया गया और 1988 में यह ‘मान्य विश्वविद्यालय’ घोषित किया गया । भारतीय विश्वविद्यालयों में अद्वितीय, “केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान” की स्थापना (1967) बौद्ध धर्म की प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में निहित धर्म और दर्शन की सारगर्भित समृद्ध परंपरा के संरक्षण की प्रेरणा एवं प्रवासी तिब्बती समुदाय की जिजीविषा का परिणाम है। यह प्रयास उसी तरह से है जैसे फीनिक्स पक्षी अपनी जिजीविषा से पुनः लौकिक जीवनचक्र को ग्रहण करता है। 29 एकड़ का हरा-भरा यहपरिसर सारनाथ के मृगदाव उद्यान से मात्र कुछ समय की दूरी पर स्थित है, जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। इसके निर्माण की परिकल्पना निर्वासित तिब्बती युवाओं और हिमालयी क्षेत्र के छात्रों के लिए सर्वसुविधा युक्त एक स्वर्ग सदृश शैक्षणिक केन्द्र के रूप में की गई। वर्तमान में केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान को बौद्ध धर्म एवं भारत तिब्बती अध्ययन के लिए विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में देखा जाता है। संस्थान को नैक द्वारा 2022 में सबसे प्रतिष्ठित 'A' ग्रेड का दर्जा प्राप्त है। इसकी सफलता और महत्व को ध्यान में रखते हुए 2018 में, भारत सरकार ने के.उ.ति.शि.सं. को वैशाख प्रशस्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। 

अपने दृष्टिकोण और उद्देश्य के अनुरूप इसने नालंदा की विभिन्न धार्मिक, दार्शनिक और बौद्धिक आख्यानों को संरक्षित कर पुनर्जीवित किया है तथा उसका अनुवाद कर व्यापक स्तर पर प्रचारित एवं प्रसारित करने के दायित्व को स्वयं अपने कंधों पर लिया है। केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता, उत्कृष्टता और अनुशासन के लिए निरंतर प्रयासरत है, साथ ही संस्थान में तिब्बती और भारतीय संस्कृति के रंगों का जीवंत मिश्रण परिलक्षित होता है। सम्पूर्ण परिसर अत्याधुनिक वास्तुकला एवं सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यहाँ छात्रों के लिए उच्च शिक्षा और अनुसंधान हेतु सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। परिसर में सीखने का जीवंत वातावरण है जो शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान की समस्त सुविधाओं से संपन्न है।

के.उ.ति.शि.सं. में सभी शैक्षणिक स्तरों पर छात्रों के लिए विकल्पों का द्वार खुला हुआ है। यह माध्यमिक स्तर (पूर्वमध्यमा और उत्तरमध्यमा) से लेकर स्नातक (शास्त्री), स्नातकोत्तर (आचार्य) पी-एच.डी. (विद्यावारिधि) तक की सुविधा प्रदान करता है। संस्थान पूर्व-विश्वविद्यालय स्तर पर बौद्ध दर्शन में पूर्वमध्यमा (9वीं कक्षा), भोट ज्योतिष में उत्तरमध्यमा (11वीं कक्षा) और पारंपरिक ललितकला में उत्तरमध्यमा (11वीं कक्षा) में सीधे प्रवेश प्रदान करता है। बौद्ध दर्शन, भोट ज्योतिष एवं ललितकला में शास्त्री, शिक्षाशास्त्री (2 वर्ष बी.एड.), शिक्षाशास्त्री (4 वर्ष बी.ए.बी.एड.), स्नातक स्तर पर सोवा-रिग्पा चिकित्सा एवं शल्य चिकित्सा स्नातक (बी.एस.आर.एम.एस. 5 वर्ष); बौद्ध दर्शन, तिब्बती भाषा और साहित्य, तिब्बती इतिहास और संस्कृति, भोट ज्योतिष और ललितकला में आचार्य (पी.जी.)। संस्थान बौद्ध धर्म, बोन शास्त्र, तिब्बती इतिहास और संस्कृति, चिकित्सा विज्ञान (सोवा-रिग्पा), ललितकला और पुनरुद्धार जैसे विषयों में पी-एच.डी. करने की सुविधा भी प्रदान करता है।

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Registration for NCISM-NEET-SR UG 2024-2025 is extended from 8th July to 21st July 2024
स्वयं पोर्टल पर हमारे एम.ओ.ओ.सी. पाठ्यक्रम
1. बौद्ध दर्शन
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2. बौद्ध पर्यटन
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3. भारतीय बौद्ध धर्म का इतिहास
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संस्थागत सहयोग

हमारे मुख्य आकर्षण

के.उ.ति.शि.सं : एक दृष्टि में

तिब्बती बौद्धधर्म के सर्वश्रेष्ठ शोध उन्मुख संस्थानों में से प्रमुख संस्थान
जो कि अपने उत्कृष्ट शोध-शिक्षण एवं छात्र-शिक्षक अनुपात के कारण ख्याति प्राप्त है :

1967

स्थापना

5

संकाय

13

शिक्षण विभाग

95

संकाय सदस्य

13

शैक्षणिक कार्यक्रम

Glorious 50 Years

20

शैक्षणिक पाठ्यक्रम

520

छात्र

UPCOMING EVENTS

वैश्विक अवधारणा हमारे बारे में...

    His Holiness the 14th Dalai Lama
    परम पावन 14वें दलाई लामा जी

    के.उ.ति.शि.सं. में तिब्बती और भारतीय विद्वानों की दो पीढ़ियों ने साहित्यिक शोध पर एक साथ काम किया है जिसके परिणामस्वरूप तिब्बती, संस्कृत और हिंदी में महत्वपूर्ण प्रकाशन हुए हैं। उनकी कई पुस्तकें गौरवशाली नालंदा परम्परा के विद्वानों के लेखन से संबंधित हैं।

      His Eminence Professor Samdhong Rinpoche
      महामहिम प्रोफेसर समदोंग रिनपोछे

      इस संस्थान की विशिष्टता यह है कि यहाँ तिब्बत के चार प्रमुख सम्प्रदायों में हजार वर्षों से अधिक समय से संरक्षित समस्त प्राचीन भारतीय बौद्ध परम्पराओं तथा तिब्बत के पूर्व-बौद्ध विद्या बोन संप्रदाय की परम्परा को शिक्षा के केन्द्र में रखा गया है। संस्थान ने कुशलता से इस परम्परा का विकास किया है।

        Dr. Lobsang Sangay, Former Sikyong
        डॉ. लोबसांग सांगे, पूर्व सिक्योंग

        केंद्रीय तिब्बती प्रशासन

        सन् 1967 में परम पावन दलाई लामा और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित इस संस्थान की स्थापना के 50 साल बीत चुके हैं। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य तिब्बत की अनूठी भाषा, धर्म और संस्कृति को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है, जिसे तिब्बत के पड़ोसी हिमालयी समुदायों द्वारा भी साझा किया जाता है।

          Jay L. Garfield
          जे. एल. गारफील्ड

          प्रोफेसर, दर्शनशास्त्र, तर्क और बौद्ध अध्ययन, स्मिथ कॉलेज, अमेरिका

          पश्चिमी संस्थानों के साथ तिब्बती समुदय से शैक्षणिक आदान-प्रदान के सबसे प्राचीन सहयोगी हैं। अब तक 400 से अधिक अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई छात्रों ने के. उ. ति. शि. सं. में अध्ययन किया और दो दर्जन से अधिक तिब्बती छात्रों ने अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों से उपाधि प्राप्त की है।

            B. Alan Wallace
            बी. एलन वालेस

            बी. एलन वालेस

            के.उ.ति.शि.सं. ने तिब्बती संस्कृति, धर्म, दर्शन और मनोविज्ञान के क्षेत्र में उच्च-शिक्षा और अनुसंधान का स्वर्णिम प्रतिमान निर्धारित किया है। यहाँ न केवल मूल तिब्बती साहित्य अपितु संस्कृत, पालि और अन्य भारतीय भाषाओं पर आधारित शिक्षा प्रदान करके इसने नालंदा की ज्ञान परंपरा से उर्जित भूमि में तिब्बती बौद्ध धर्म को मजबूती से स्थापित किया।

              John Powers
              जॉन पॉवर्स

              अनुसंधान प्रोफेसर, डीकिन विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया

              “प्रोफेसर समदोंग रिनपोछे के नेतृत्व में छात्रों के एक छोटे समूह के साथ स्थापित तिब्बती संस्थान जो भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थान, जो आज कई संकायों से युक्त तिब्बती धर्म, दर्शन और संस्कृति के अध्ययन का उत्तरदायित्व निभा रहा है ,के.उ.ति.शि.सं. स्नातक छात्रों ने सफलता के कीर्तिमान स्थापित कर भारत और दुनिया भर के विद्वानों की एक पीढ़ी के लिए अनुसंधान में सहयोग का एक उत्कृष्ट वातावरण प्रदान किया है।

                José Ignacio Cabezón
                जोस इग्नासियो कैबेज़ोन

                प्रोफेसर, तिब्बती बौद्ध धर्म और सांस्कृतिक अध्ययन,कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा, अमेरिका

                “तिब्बती सांस्कृतिक विज्ञान, जिसमें चिकित्सा, व्याकरण और काव्यशास्त्र तथा इतिहास शामिल हैं, के.उ.ति.शि.सं. के परिश्रमी आचार्यों और अनुसंधान कर्मचारियों ने तिब्बती और बौद्ध अध्ययन के विभिन्न पक्षों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके पूर्व-छात्र भारत और विदेशों में महत्वपूर्ण पदों पर सुशोभित हैं।”

                  John Makransky
                  जॉन मकरांस्की

                  बौद्ध धर्म और तुलनात्मक धर्मशास्त्र के प्रोफेसर बोस्टन कॉलेज, अमेरिका

                  “के.उ.ति.शि.सं. तब से मेरे सभी कार्यों को प्रेरित और सूचित करता रहा है – जब से मैं अकादमिक बौद्ध अध्ययन, तुलनात्मक धर्मशास्त्र और धर्म में, धर्मनिरपेक्ष और अंतरधार्मिक संदर्भों के लिए करुणा की बौद्ध प्रथाओं को अपनाने के तरीकों की खोज में था। मैं उन सभी के लिए आभारी हूं, जिन्होंने के.उ.ति.शि.सं. में मेरा सहयोग किया।”

                    Victoria Lysenko
                    विक्टोरिया लिसेंको

                    प्रोफेसर, रूसी विज्ञान अकादमी, मास्को, रूस

                    "पश्चिमी शिक्षा प्रणाली की तुलना में, यह प्रणाली स्मृति के विकास और ज्ञान को आत्मसात करने एवं उसे व्यक्तिगत अनुभव के एक भाग में परिवर्तित करने पर अधिक निर्भर करती है।”

                    समाचार

                    अनुसंधान: मुख्य आकर्षण

                    “नैक” द्वारा के.उ.ति.ति.सं को प्रतिष्ठापरक 'ए' ग्रेड प्रदान किया गया।

                    विभिन्न खेल स्पर्धाओं में संस्थान के छात्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन

                    CIHTS organizes Commemoration of Dhamma Cakka Pavattana Divas Turning the Wheel of Dhamma in collaboration with International Buddhist Confederation, New Delhi

                    सीटीई ने आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित द्वि-साप्ताहिक क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया

                    के.उ.ति.शि.सं प्रेस और मीडिया में

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