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सूचना पट्ट

युथोग सोवा-रिग्पा शिक्षण अस्पताल

चिकित्सा शिक्षा तब तक पूरी नहीं होती है जब तक छात्र कठोर और आवश्यक अनुशासन का पालन करते हुए रोगी के शैय्या पास बैठ कर एवं आत्मीयता के साथ विभिन्न चिकित्सा सम्बंधित विवरण नोट करे । आज सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाओं में इस अवधारणा का उपयोग बढ़ा है और निरंतर प्रगति पथ पर है । विश्व स्तर पर आज कई पुरानी और नई घातक बीमारिया विश्व के सामने चुनौतियाँ बनी हुई हैं। सोवा-रिग्पा में इन समस्याओ सामना करने की अद्भुत क्षमता है जो अपने नैदानिक और चिकित्सकीय उपयोग एवं अभ्यास से अपने पेशेवर छात्रों में इस प्रकार के कौशल को विकसित कर रहाँ है । जिससे सामन्य और गंभीर रोगियो की चिकित्सा सस्ते अच्छे और सहज रूप से हो सके । राजपत्र अधिसूचना 2017 की अनुसूची-V (विनियम 3, 5, 6, 7, 10 और 11) में उद्धृत निर्देशों के अनुसार शिक्षण अस्पताल में कम से कम 4 बहिरंग सेवा और औषधालय के साथ 10 शैय्या वाला अस्पताल होना चाहिए । जहां आवश्यक कर्मचारी विशेष रूप से उपलब्ध हों। अस्पताल यदि अधिक मरीजो की सेवा करता है तो अस्पताल के कुल कर्मचारियों की आवश्यकता और शैय्या की संख्या एक साथ बढ़ जाएगी। प्रारम्भिक स्तर पर हमारे प्रथम चरण के निर्माणाधीन अस्पताल में, शैय्या की कुल संख्या 40 है।

  • नैदानिक अध्ययन और शोध
  • सोवा-रिग्पा सिद्धांतों के सैद्धांतिक पहलुओं को समझना।
  • सोवा-रिग्पा चिकित्सीय का पद्धति विकास और प्रचार-प्रसार।
  • स्वास्थ्य का संवर्धन एवं पुनर्स्थापन।
  • सामान्य रूप से समाज के लिए सामान्य स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना।

युथोग सोवा-रिग्पा शिक्षण अस्पताल में अन्तरंग, बहिरंग, चिकत्सीय इकाई, औषधालय एवं निदान केंद्र शामिल है ।