शैक्षणिक विभाग
सूचना पट्ट
भोट ज्योतिष विभाग
भोट-ज्योतिष विभाग, जिसे तिब्बती खगोल-विज्ञान के रूप में भी जाना जाता है, 1993 में स्थापित किया गया था। तिब्बती ज्योतिष-विज्ञान को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है: खगोल विज्ञान (कर-स़ि), तत्व ज्योतिष (जुङ् सि) और शकुन-विचार (यङ् छार), यह कालचक्र प्रणाली से अत्यधिक प्रभावित है। विभाग भोट-ज्योतिष में स्नातक (यू.जी.) और स्नातकोत्तर (पी.जी.) पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
विभाग द्वारा संचालित पाठ्यक्रम:
- यूजी(शास्त्री-भोट-ज्योतिष))
- पीजी(आचार्य - भोट-ज्योतिष))
पाठ्यक्रम की उपादेयता:
भोट ज्योतिष में स्नातक (यू.जी.) शास्त्री:
- यह पाठ्यक्रम छात्रों को तिब्बती खगोल-विज्ञान और प्रारंभिक भारतीय खगोल-विज्ञान के आवश्यक ज्ञान को समझने में सक्षम बनाता है।
- विस्तृत पाठ्यक्रम ग्रहों की स्थिति, सूर्य और चंद्र ग्रहण, धूमकेतु की उपस्थिति, गोल विशेषता, तत्कालिक समय संयोजन, काल गणना, तीन अलग-अलग प्रकार के दिन के समीकरण और विपरीत गणना की सहायता से तिब्बती खगोल विज्ञान की गणना प्रक्रिया तथा पंचांग तैयार कर शीघ्र गणना का ज्ञान प्रदान करता है।
- पाठ्यक्रम पूरा होने पर, छात्र तिब्बती खगोल विज्ञान को समझ सकते हैं और प्रासंगिक अंतःविषय अध्ययन के क्षेत्रों में संभावनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
भोट ज्योतिष में स्नातकोत्तर (पी.जी.)-आचार्य:
- यह पाठ्यक्रम छात्रों को मानवीय मूल्यों, भावनात्मक नियंत्रण और विभिन्न प्रकार के नकारात्मक दृष्टिकोणों के विनियमन की भूमिका के महत्व को समझने के लिए प्रशिक्षित करता है।
- पारंपरिक ज्योतिष विज्ञान में एक मजबूत आधार विकसित करने के बाद छात्रों को प्राथमिक चीनी ज्योतिष, वैवाहिक अनुकूलता, वार्षिक बाधा, चिकित्सा ज्योतिष और विविध ज्योतिष के अनुसार कुंडली पढ़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
- छात्रों को स्वर स्वरूप (शिवस्वरोदय), तंत्र और खगोल-विज्ञान (कालचक्र तंत्रराज) के विहित ग्रंथों की विभिन्न शैलियों के ज्ञान में भी प्रशिक्षित किया जाता है।
- पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद छात्र उच्च शोध, पंचांग एवं कुंडली निर्माण एवं वाचन, अनुवाद एवं तुलनात्मक अध्ययन तथा शिक्षण के क्षेत्र में आगे की संभावनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।