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शैक्षणिक

सोवा-रिग्पा महाविद्यालय तिब्बती शिक्षा की मूल पारंपरिक अवधारणाओं को अपने में समेटे नवीन शिक्षण पद्धति का सम्मिश्रण युक्त एक समग्र शिक्षण पद्धति है। शिक्षण और अध्ययन के लिए मुख्य ग्रंथों में से एक बारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में कनिष्ठ युथोग द्वारा लिखित जुशी (चार ग्रंथ) है। इस ग्रन्थ में हजार से अधिक श्लोक हैं, कई अन्य टिप्पणियाँ बाद के तिब्बती विद्वानों द्वारा लिखी गई हैं और समकालीन चिकित्सकों तथा छात्रों द्वारा पूरक पाठन और आलोचनात्मक विश्लेषण के रूप में संदर्भित की गई हैं। तिब्बती चिकित्सा ज्योतिष इस कार्यक्रम का एक अन्य महत्वपूर्ण तत्व है जो चिकित्सकों को विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक और मनोदैहिक विकारों से जुड़े रोगों का उचित निदान और पूर्वानुमान प्रदान करने में मदद करता है। तिब्बती चिकित्सा इतिहास में एक और महत्वपूर्ण तथ्य जिसे एक मील के पत्थर के रूप में देखा जा सकता है, यथा विभिन्न संक्रामक रोगों, विभिन्न चुनौतियों और भविष्य में उभरती महामारियों पर अंकुश लगाने पर व्यापक चर्चा है। तिब्बती भाषा में उपलब्ध सभी स्वास्थ्य और कल्याण संबंधी लेखों को मोटे तौर पर सोवा-रिग्पा की आठ अलग-अलग शाखाओं/विज्ञानों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। आविष्कार, खोज, नवीनता, नवाचार और विकास उन्मुखी प्रवृत्तियों के साथ, सोवा-रिग्पा शोध और विकास की एक और इकाई की स्थापना की गई।