शैक्षणिक विभाग

सूचना पट्ट

बाह्य चिकित्सा एवं शल्य चिकित्सा विभाग

परिचय:

यह विभाग एनसीआईएसएम के निर्देश और एमएसई और एमएसआर राजपत्र अधिसूचना, 2022 आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के शासनादेश में दिए गए प्रावधान के साथ बनाए गए युथोग सोवा-रिग्पा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के अंतर्गत संचालित विभागों में से एक है। इस विभाग का मुख्य उद्देश्य सोवा-रिग्पा बाह्य चिकित्सा एवं शल्य के क्षेत्र में अध्ययन और शोध करना है ।

संचालित कार्यक्रम :

यह विभाग सोवा-रिग्पा बाह्य चिकित्सा एवं शल्य में स्नातक, परास्नातक, विद्यावारिधि, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

कार्यक्रम की उपादेयता :

यह विभाग निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु स्थापित किया गया है-

  • सोवा-रिग्पा बाह्य चिकित्सा और सर्जरी में परास्नातक एवं पी-एच.डी. कार्यक्रम संचालित करने में सक्षम ।
  • सोवा-रिग्पा बाह्य चिकित्सा एवं शल्य के क्षेत्र में प्रोफेसरों, विषय विद्वानों और विशेषज्ञों, सोवा-रिग्पा सर्जन, चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को तैयार करना ।
  • सोवा-रिग्पा बाह्य चिकित्सा एवं शल्य पर गहन शोध करने में सक्षम बनाना ।
  • सेवा की इस अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण, संवर्धन और युवा पीढ़ी तक संचारित करने में सक्षम हो।

पाठ्यक्रम की उपादेयता:

पाठ्यक्रम पूर्ण होने के पश्चात्:

  • छात्रों को सोवा-रिग्पा रोग निवारण और पैथोलॉजी का अच्छा ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम बनाता है ।
  • नए छात्रों को सोवा-रिग्पा की उत्पत्ति, उसके विकास और उसके विभिन्न आयामों के बारे में विस्तृत एवं गहन ज्ञान प्राप्त करने और सिखाने में सक्षम।
  • सोवा-रिग्पा रोग निवारण एवं पैथोलॉजी की उत्पत्ति की पृष्ठभूमि की स्पष्ट समझ प्राप्त करेंगे ।
  • भविष्य के अध्ययन और शोध हेतु सोवा-रिग्पा से संबंधित विषयों, भोट-ज्योतिष, तिब्बती भाषा और साहित्य का मूलभूत ज्ञान प्राप्त करेंगे।भविष्य के अध्ययन और शोध हेतु सोवा-रिग्पा से संबंधित विषयों, भोट-ज्योतिष, तिब्बती भाषा और साहित्य का मूलभूत ज्ञान प्राप्त करेंगे।
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