शैक्षणिक विभाग
सूचना पट्ट
संस्कृत विभाग
7वीं शताब्दी के बाद से तिब्बत में बुद्ध के वचनों और बौद्ध दार्शनिक ग्रंथों का संस्कृत से तिब्बती भाषा में अनुवाद के आगमन के बाद से एक सहस्राब्दी से भी अधिक समय से संस्कृत तिब्बती बौद्ध शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा रही है। पाठ्यक्रम के रूप में संस्कृत भाषा शास्त्री (बी.ए.) में एक अनिवार्य विषय है और बौद्ध दर्शन में आचार्य (एम.ए.) में एक वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। संस्कृत व्याकरण, गद्य, कविता, महाकाव्य, नाटक, काव्य आदि पर पाठ्यक्रम अनिवार्य संस्कृत विषय के अंतर्गत प्रस्तुत किए जाते हैं और बौद्ध जातक, अवदान, नीतिशास्त्र, कविता, सांख्य, वेदांत, प्रमाण आदि के पाठ्यक्रम वैकल्पिक संस्कृत विषय के अंतर्गत प्रस्तुत किए जाते हैं। विभाग बौद्ध दर्शन में विद्यावारिधि (पी-एच.डी.) कार्यक्रम के लिए नामांकित छात्रों को तिब्बती स्रोतों से लुप्त हुए संस्कृत पाठ के पुनरुद्धार का विषय चुनने के लिए पर्यवेक्षी मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।
पाठ्यक्रम की उपादेयता:
- यह पाठ्यक्रम श्रवण, वाचन, पठन तथा लेखन पद्धति (एल.एस.आर.डब्ल्यू) पर अधिक ध्यान केंद्रित करके संस्कृत भाषाविज्ञान और साहित्य के विभिन्न पहलुओं में विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- छात्र संस्कृत व्याख्याशास्त्र, ध्वन्यात्मकता, ध्वनिविज्ञान, वाक्यविन्यास और व्याकरण में अपने कौशल को निखार सकते हैं।
- उन्हें साहित्यिक लेखन की कला और प्रस्तुति कौशल पर विशेष जोर देने के साथ पाठ की विभिन्न शैलियों के विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है।
- छात्रों को तिब्बती भाषा में बौद्ध दर्शन के आलोचनात्मक अध्ययन की भावना का पता लगाने और विकसित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
- उचित मार्गदर्शन से संचार, बातचीत, सुनना, बोलना और अवलोकन कौशल में योग्यता विकसित होती है।
- पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद छात्र उच्च शोध, शिक्षण, अनुवाद, तुलनात्मक अध्ययन, विषयवस्तु लेखन आदि में आगे की संभावनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।