प्रशासन
सूचना पट्ट
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान
(मान्य विश्वविद्यालय) सारनाथ, वाराणसी - 221007 (यू.पी.) भारत
प्रकाशन अनुभाग
प्रकाशन विभाग के.उ.ति.शि.सं. का अपना प्रकाशन गृह है और यह संस्थान के उद्देश्यों के अनुसार बौद्ध और तिब्बती अध्ययन के प्रचार-प्रसार के लिए बौद्धधर्म और तिब्बती अध्ययन पर शोध कार्यों को प्रकाशित कर रहा है। प्रारम्भ में के.उ.ति.शि.सं. ने अपना प्रकाशन कार्य 1972 में सेमिनार पत्रों की दो पुस्तिकाओं के साथ शुरू किया था, लेकिन नियमित प्रकाशन कार्य 1983 में एक स्वायत्त विभाग की स्थापना के बाद आरम्भ हुआ, जो अंततः एक छोटे प्रकाशन गृह के रूप में विकसित हुआ।
के.उ.ति.शि.सं. प्रकाशनों के लिए विषयवस्तु का मुख्य स्रोत परियोजनाओं के अनुसंधान कार्य हैं, जो विधिवत पूर्ण हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त, यह संस्थान द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने वाले प्रतिष्ठित विद्वानों के शोध कार्यों को भी प्रकाशित करने के लिए स्वीकार करता है। अब तक प्रकाशित अधिकांश पुस्तकें तिब्बती और बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन के लिए उच्च मानक और शोध परक हैं। वर्तमान में के.उ.ति.शि.सं. दस सामान्य श्रृंखलाओं के अन्तर्गत ग्रन्थों को प्रकाशित कर रहा है और इसके अतिरिक्त दुर्लभ बौद्ध ग्रंथों पर शोध की पत्रिका धी:, जिसका शुभारम्भ सन् 1986 में किया गया था। कोश श्रृंखला के अन्तर्गत शब्दकोश और संदर्भ पुस्तकों का प्रकाशन यहाँ हो रहा है।
प्रकाशन विभाग समिति
संस्थान ने विद्वानों द्वारा प्रस्तुत पांडुलिपियों के प्रकाशन पर विचार करने और अनुमोदन करने के लिए बाह्य विशेषज्ञों के साथ एक स्थायी प्रकाशन समिति का गठन किया गया है। समिति प्रकाशनों से सम्बन्धित विभिन्न समस्याओं पर भी विचार करती है और उनका समाधान करती है। कुलपति समिति के अध्यक्ष हैं।
के.उ.ति.शि.सं. प्रकाशनों के लिए विषयवस्तु का मुख्य स्रोत परियोजनाओं के अनुसंधान कार्य हैं, जो विधिवत पूर्ण हो चुके हैं। इसके अतिरिक्त, यह संस्थान द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने वाले प्रतिष्ठित विद्वानों के शोध कार्यों को भी प्रकाशित करने के लिए स्वीकार करता है। अब तक प्रकाशित अधिकांश पुस्तकें तिब्बती और बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में उन्नत अध्ययन के लिए उच्च मानक और शोध परक हैं। वर्तमान में के.उ.ति.शि.सं. दस सामान्य श्रृंखलाओं के अन्तर्गत ग्रन्थों को प्रकाशित कर रहा है और इसके अतिरिक्त दुर्लभ बौद्ध ग्रंथों पर शोध की पत्रिका धी:, जिसका शुभारम्भ सन् 1986 में किया गया था। कोश श्रृंखला के अन्तर्गत शब्दकोश और संदर्भ पुस्तकों का प्रकाशन यहाँ हो रहा है।
प्रकाशन विभाग समिति
संस्थान ने विद्वानों द्वारा प्रस्तुत पांडुलिपियों के प्रकाशन पर विचार करने और अनुमोदन करने के लिए बाह्य विशेषज्ञों के साथ एक स्थायी प्रकाशन समिति का गठन किया गया है। समिति प्रकाशनों से सम्बन्धित विभिन्न समस्याओं पर भी विचार करती है और उनका समाधान करती है। कुलपति समिति के अध्यक्ष हैं।