शोध एवं विकास प्रकोष्ठ (आर.डी.सी.)
सूचना पट्ट
उद्देश्य
- शोध एवं विकास प्रकोष्ठ (आर.डी.सी.) का उद्देश्य भूमिका-आधारित कार्यों के साथ एक संगठनात्मक संरचना तैयार करना, उच्च शिक्षा संस्थान (एच.ई.आई.) के लिए शोध नीति तैयार करना, शोध के प्रमुख क्षेत्रों की पहचान करना और शोध से संबंधित कलस्टर समूह/अग्रिम दल/शोधकर्ताओं का संगठन बनाना है।
- प्रधान अन्वेषकों को पर्याप्त स्वायत्तता के साथ शोध कर्मियों की भर्ती, उपकरणों की खरीद और वित्तीय प्रबंधन के लिए शोध नीतियों में सक्षम प्रावधान बनाना और हितधारकों और बड़े पैमाने पर जनता के लिए शोध परिणामों का प्रसार करना।
- शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष प्रयोजन इकाई स्थापित करना, सहयोग और सहक्रियात्मक भागीदारी के लिए उद्योग, शोध वाले संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य हितधारकों से संभावित सहयोगियों की पहचान करना।
- शोधकर्ताओं और प्रासंगिक शोध के लिए अनुदान प्रदान करने वाली संस्थाओं के बीच संपर्क के रूप में कार्य करना, समय-सीमा के पालन की निगरानी के लिए परियोजना प्रस्तावों की तैयारी, प्रस्तुतिकरण और अनुदान की अनुमति के बाद मार्गदर्शन प्रदान करना।
- विश्वविद्यालय-उद्योग अन्तर्सम्बन्ध, उत्प्रेरक, नवाचार और उद्यमिता विकास और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) से संबंधित अन्य प्रकोष्ठों/केंद्रों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना।
- परिचालित/पूर्ण शोध परियोजनाओं/कार्यक्रमों, विशेषज्ञता और संसाधनों आदि की स्थिति को साझा करने के लिए एक संस्थागत शोध सूचना प्रणाली विकसित करना, औद्योगिक सेवाएं प्रदान करने के लिए क्षेत्रीय विशेषज्ञों का सूचना संग्रह (डाटाबेस) तैयार करने के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का प्रभावी उपयोग करना तथा परामर्श एवं सेवाएँ प्रदान करना।
- प्रतिभाशाली युवा मानस की शोध क्षमता के निर्माण में सेवानिवृत्त सक्रिय संकाय/वैज्ञानिकों की सेवाओं को शामिल करना और उनका उपयोग करना और संस्थानों और शोध एवं विकास प्रयोगशालाओं में शोधकर्ताओं की गतिशीलता को बढ़ावा देना।
- कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करके अनुसंधान विषयों/परिकल्पनाओं के विचार और अवधारणा के लिए नोडल केंद्र के रूप में कार्य करना और जहां भी आवश्यक हो, नैतिक अनुशासन समिति की अनुमति सहित अनुसंधान गतिविधियों में अखंडता और नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करना।