पुरातन छात्र संघ
सूचना पट्ट
अध्यक्ष का संदेश
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों और विनियमों के अनुसार निम्नलिखित मुख्य उद्देश्यों के साथ ‘पुरातन छात्र संघ’ की स्थापना के लिए आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं:
- के.उ.ति.शि.सं. और के.उ.ति.शि.सं. पुरातन छात्रों के बीच संबंध और समन्वय बनाए रखना ।
- के.उ.ति.शि.सं. के पुरातन छात्रों और वर्तमान छात्रों के बीच नियमित विचार-विमर्श ।
- के.उ.ति.शि.सं. के पुरातन छात्रों द्वारा अपने संबंधित समुदायों में की जा रही सेवाओं को समझना और प्रचार-प्रसार करना।
उक्त उद्देश्यों के क्रम में संस्थान के माननीय कुलपति के निर्देशानुसार, 5 नवंबर 2014 को, जब सैकड़ों पुरातन छात्र परम सम्मानित प्रो. एस. रिनपोछे को उनके 75वें जन्मदिन पर सम्मान देने के लिए एकत्र हुए, पहली बार के.उ.ति.शि.सं. (एएसीआईएचटीएस) के पुरातन छात्र संघ की स्थापना की गई। पहली कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ चुनाव। तदन्तर 10 जनवरी 2015 को, के.उ.ति.शि.सं. के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने के.उ.ति.शि.सं. के पुरातन छात्र संघ की स्थापना का निर्णय भी पारित किया। इस प्रकार पुरातन छात्र संघ इस संस्थान की एक आवश्यक इकाई है।
पुरातन छात्र संघ का संविधान वेबसाइट पर उपलब्ध है – www.alumnicihts.org
मैं सभी को ताशी डेलेक एवं शुभकामनाएं दे रहा हूं और अनुरोध कर रहा हूं कि आप एएसीआईआईएचटीएस के संपर्क में रहें और अपने ज्ञान और अनुभवों को साझा करें।
डॉ. गेशे नवांग तेनफेल
13 जनवरी, 2021