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यौन उत्पीड़न के विरुद्ध समिति
विशाखा बनाम राजस्थान राज्य याचिका पर 1997 के अपने फैसले में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के आधार पर, के.उ.ति.शि.सं. प्रतिबद्ध है कि संस्थान समुदाय का कोई भी सदस्य किसी अन्य का यौन उत्पीड़न नहीं कर सकता है । यदि विश्वविद्यालय का कोई भी कर्मचारी या छात्र नीति के उल्लंघन के लिए दोषी पाया जाता है, तो उस पर संस्थान से प्रतिबन्ध/निलंबन/निष्कासन तक की पूरी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है ।
उपरोक्त संबंध में शिकायतें, यौन उत्पीड़न के विरुद्ध समिति (नीचे दिए गए संपर्क विवरण) या प्रशासनिक कड़ी के माध्यम से दर्ज की जा सकती हैं । सभी मामलों में शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।
यौन उत्पीड़न के विरुद्ध समिति
क्रमांक | नाम | पद का नाम |
1 | डॉ. ज्योति सिंह | पीठासीन अधिकारी |
2 | डॉ. प्रशांत कुमार मौर्य | सदस्य |
3 | डॉ. हुमा कयूम | सदस्य |
4 | सुश्री कंचन विश्वकर्मा | सदस्य |
5 | हाउस लीडर, मायादेवी महिला छात्रावास | सदस्य |
6 | डॉ. कर्मा सोनम पाल्मो | सदस्य सचिव |
- डॉ. ज्योति सिंह
पीठासीन अधिकारी
फ़ोन- 8765734283
ईमेल- jyotisingh.acd@cihts.com
- डॉ. कर्मा सोनम पाल्मो
सदस्य सचिव
फ़ोन- 8318907853
ईमेल- kspalmo.res@cihts.ac.in