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संचालित कार्यक्रम एवं पाठ्यक्रमः

के.उ.ति.शि.सं. नई शिक्षा नीति 2020 के सार को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए, माध्यमिक विद्यालय स्तर (पूर्वमध्यमा और उत्तरमध्यमा) से लेकर स्नातक (शास्त्री), स्नातकोत्तर (आचार्य) तक सभी शैक्षणिक स्तरों पर छात्रों को विषय चयन के असंख्य विकल्प प्रदान करता है। पी-एच.डी. (विद्यावारिधि) में प्रवेश लेने वाले बौद्ध दर्शन के छात्रों को चार साल की पूर्व महाविद्यालयी शिक्षा प्रदान की जाती है ताकि वे विभिन्न भाषाओं एवं विषयों में भी पारंगत हो सकें। ललित कला के छात्र दो वर्ष अध्ययन बाद उत्तरमध्यमा (11वीं) कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं । तीन वर्षीय शास्त्री कार्यक्रम स्नातक डिग्री (उपाधि) के बराबर और दो वर्षीय आचार्य कार्यक्रम परास्नातक के बराबर है।

संस्थान बौद्ध अध्ययन, तिब्बती इतिहास और संस्कृति, चिकित्सा विज्ञान, ललित कला और पुनरुद्धार जैसे विभिन्न विषयों में पी-एच.डी. (विद्यावारिधि) कार्यक्रम की सुविधा प्रदान करता है। विद्यावारिधि की उपाधि पी-एच.डी. के समतुल्य है। यह यूजीसी द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार चलाया जाता है। इसके अतिरिक्त छात्र अपनी रुचि के अनुसार ऐच्छिक विषय के रूप में निम्नलिखित विषयों में से किसी एक का चयन कर सकता है- एशियाई इतिहास, तिब्बती इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, पालि, संस्कृत, हिंदी एवं अंग्रेजी ।

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